वीरांगना शहीद फूलन देवी

वीरांगना शहीद फूलन देवी की अर्थी को मुलायम सिंह ने खुद कंधा दिया था. उन्होंने कहा था कि फूलन मेरी बेटी थी. ठाकुर वोट की परवाह नहीं की थी मुलायम ने. उन्हें लगता था कि न्यायप्रिय ठाकुर समझेंगे कि फूलन ने बेहमई के ठाकुरों को लाइन में खड़ा करके क्यों मारा. 


फूलन देवी के निधन पर राष्ट्रपति के.आर. नारायणन ने शोक जताया था और उनके साहस और संघर्ष की प्रशंसा की थी.


मान्यवर कांशीराम साहब ने 1981 में 34 वें स्वतंत्रता दिवस को फूलन देवी वर्ष मनाया था. इस अवसर पर संगठन की पत्रिका के कवर पर फूलन वर्ष की घोषणा की गई थी. 


फूलन देवी को जब बीहड़ से निकलना था, तो उन्होंने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह पर भरोसा किया और उनकी मौजूदगी में हथियार डाले. फूलन देवी के संघर्ष के प्रशंसक लालू प्रसाद और विश्वनाथ प्रताप सिहं भी थे. 


कोई मामूली इंसान नहीं थी फूलन देवी. 


दुनिया की श्रेष्ठ विद्रोही महिलाओं की कोई भी लिस्ट उनके बिना पूरी नहीं है