शरणार्थी को धर्म के आधार पर नागरिकता से वंचित करना अच्छा नहीं


सरकार के पास एक सप्ताह का समय है या तो सरकार जनता के सवालों के जवाब दे या इस बिल को रद्द करे।
1. यदि कोई किसी धर्म को नहीं मानता है तो उसे CAB में क्यों नहीं शामिल किया गया?
2. श्री लंका या म्यांमार से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को नागरिकता क्यों नहीं दी जा रही?
3. घुसपैठियों ( illegal Migrant ) को धर्म देखकर नागरिका क्यों दी जा रही है?
4. किसी भी शरणनार्थी को धर्म के आधार पर नागरिकता से क्यों वंचित किया जा रहा है?
5. यदि कोई दूसरे देश का जासूस या एजेंट घुसपैठिया बनकर भारत में नागरिकता ले लेता है और वह कल भारत सरकार में मंत्री बनकर देश की ख़ूफिया जानकारी पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान या बंगलीदेश की सरकार को पहुँचा देता है तो क्या होगा? 
6. क्या सरकार को पता है कि देश में कितने घुसपैठिए और कितने शरणनार्थी हैं?
7. सरकार के अनुसार घुसपैठिए और शरणनार्थी में क्या अंतर है?
8. क्या NRC में देश के सभी नागरिकों को 1971 से पहले का नागरिकता की सबूत देनी होगा?
9. यदि जिन्हें नागरिकता नहीं मिलेगी उनका क्या किया जाएगा? क्या सरकार की पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान और बंगलादेश सरकार से उन्हें वापस भेजने के बारे में कोई बात हुई है? 
10. क्या इस सबसे भारत में रहने वाले लोगों को रोज़गार में, व्यापार में या किसी भी और तरह से कोई लाभ होगा? क्योंकि जब जनता के Tax का पैसा इस सबमें लग रहा है तो जनता को यह जानने का अधिकार है कि उसमें जनता का क्या लाभ है।


सरकार से इन सब सवालों के जवाब माँगने के लिए अखिल भारतीय परिवार पार्टी का एक Delegations कल PMO को Letter भेज रहा है यदि PMO इनके एक सप्ताह में जवाब नहीं देता है तो अखिल भारतीय परिवार पार्टी इन सवालों के जवाब देने के लिए सरकार पर दबाव बनाएगी और जनता को जागरूक करेगी। 
या तो सरकार इन सवालों के जवाब दे या इस बिल को वापस ले।