क्योंकि जब आप हिन्दू धर्म में है तब तक आप ब्राह्मणों से नीच ही रहोगे और ब्राह्मणो और सवर्णो की गुलामी आपको करना ही पड़ेगा,
आप बिना पंडित से पूंछे कुछ भी नहीं कर सकते हैं अपनी शादी भी बिना पंडित से पूंछे नहीं कर सकते हैं और सवर्णो द्वारा अपमानित होते रहेंगे और सवर्ण आपको नीच मानकर अपमानित करेंगें और आपका शोषक करते रहेंगे।
हम बौद्ध कैसे बने???
बौद्ध बनना बिल्कुल आसान है
आपको सिर्फ अपने तीन ⚟ अवगुण छोड़ने है,
1-अपनी ऊंच नीच भेदभाव की जातियाँ,
2-अंधविश्वास - काल्पनिक भगवानों और देवी देवताओ को छोड़ना होगा।
3-पाखंड - पूजा पाठ- पाखंड व्रत और त्योहार आदि छोड़ना होगा।
और तीन ⚟ गुण को अपनाना होगा,
1-त्रिशरण
2-पंचशील
3-बाबासाहब डॉ अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं ।
बाबा साहब डॉ अंबेडकर ने बुद्ध धम्म दीक्षा ग्रहण करने के लिए हमें 22प्रतिज्ञाएं दी हैं,
जो निम्नलिखित हैं
1-मैं ब्रह्मा, विष्णु और महेश में कोई विश्वास नहीं करूँगा/करूंगी और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा/करूंगी।
2-मैं राम और कृष्ण, जो भगवान के अवतार माने जाते हैं, में कोई आस्था नहीं रखूँगा/रखूंगी और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा/करूंगी।
3-मैं गौरी, गणपति और हिन्दुओं के अन्य देवी-देवताओं में आस्था नहीं रखूँगा /रखूंगी, और न ही मैं उनकी पूजा करूँगा/करूंगी।
4-मैं भगवान के अवतार में विश्वास नहीं करता हूँ/करती हूं।
5-मैं यह नहीं मानता/मानती और न कभी मानूंगा/मानूंगी कि भगवान बुद्ध विष्णु के अवतार थे. मैं इसे पागलपन और झूठा प्रचार-प्रसार मानता/मानती हूँ।
6-मैं श्रद्धा (श्राद्ध) में भाग नहीं लूँगा/लूंगी, और न ही पिंड-दान दूँगा/दूंगी।
7-मैं बुद्ध के सिद्धांतों और उपदेशों का उल्लंघन करने वाले तरीके से कार्य नहीं करूँगा/करूंगी।
8-मैं ब्राह्मणों द्वारा निष्पादित होने वाले किसी भी समारोह को स्वीकार नहीं करूँगा/करूंगी।
9--मैं मनुष्य की समानता में विश्वास करता/करती हूँ।
10-मैं समानता स्थापित करने का प्रयास करूँगा/करूंगी।
11-मैं बुद्ध के आष्टांगिक मार्ग का अनुशरण करूँगा/करूंगी।
12-मैं बुद्ध द्वारा निर्धारित परमितों का पालन करूँगा/करूंगी।
13--मैं सभी जीवित प्राणियों के प्रति दया और प्यार भरी दयालुता रखूँगा /रखूंगी तथा उनकी रक्षा करूँगा/करूंगी।
14-मैं चोरी नहीं करूँगा/करूंगी।
15-मैं झूठ नहीं बोलूँगा/बोलूंगी।
16--मैं कामुक पापों को नहीं करूँगा/करूंगी।
17-मैं शराब, ड्रग्स जैसे मादक पदार्थों का सेवन नहीं करूँगा/करूंगी।
18-मैं महान आष्टांगिक मार्ग के पालन का प्रयास करूँगा/करूंगी एवं सहानुभूति और प्यार भरी दयालुता का दैनिक जीवन में अभ्यास करूँगा/करूंगी।
19-मैं हिंदू धर्म का त्याग करता /करती हूँ जो मानवता के लिए हानिकारक है और उन्नति और मानवता के विकास में बाधक है क्योंकि यह असमानता पर आधारित है, और स्व-धर्मं के रूप में बौद्ध धर्म को अपनाता /अपनाती हूँ।
20-मैं दृढ़ता के साथ यह विश्वास करता/करती हूँ की बुद्ध का धम्म ही सच्चा धर्म है।
21-मुझे विश्वास है कि मैं फिर से जन्म ले रहा /रही हूँ (इस धर्म परिवर्तन के द्वारा).
22-मैं गंभीरता एवं दृढ़ता के साथ घोषित करता /करती हूँ कि मैं इसके (धर्म परिवर्तन के) बाद अपने जीवन का बुद्ध के सिद्धांतों व शिक्षाओं एवं उनके धम्म के अनुसार मार्गदर्शन करूँगा/करूंगी।
देश से जातिवाद की बीमारी को खत्म करने के और अम्बेडकर वादी सरकार बनाने के लिए हमें दो और प्रतीज्ञाएं लेने की जरूरत है
1-मै, कभी भी किसी भी हिन्दू मंदिर नहीं जाऊँगा /जाऊँगी, और ना ही कभी ब्राह्मणों और बाबाओं को दान दूँगा /दूँगी.
2-मै भी कभी भी किसी भी पार्टी के मनुवादी (हिन्दू धर्म मानने वाले) उम्मीदवार को वोट नहीं दूँगा /दूँगी।