भारत में जनगणना जातिवार होनी चाहिए


विश्वस्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि भारत देश में 1947 के पहले जातिवार जनगणना हुआ करता था परंतु आजादी के बाद जातिवार जनगणना नहीं हो रहा है जातिवार जनगणना न होने के कारण जाति की जनसंख्या स्पष्ट नहीं हो पाती है जिसके कारण आजादी के 70 वर्षों के बाद भारत से गरीबी नहीं गई। जैसे-
 उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति की सूची में 66 जातीय है और जनजाति मे 5 जाति है इसी प्रकार से उत्तर प्रदेश में पिछड़ी जातियों की सूची में 79 जातियां है इसी प्रकार से एससी एसटी और ओबीसी जातियों के प्रत्येक राज्य में अलग-अलग जनसंख्या है I भारत सरकार से अपील है कि 2021 की जनगणना में जातिवार जनगणना होना चाहिए जिससे गरीब राष्ट्र की मुख्यधारा से जुड़ जाएंगे।