रविदास मंदिर के लिए स्थायी निर्माण का आदेश

उच्चतम न्यायालय ने तुगलकाबाद वन क्षेत्र में गुरु रविदास का स्थाई ढांचा बनाने की अनुमति सोमवार को दे दी हालांकि केंद्र ने लकड़ी का पोर्टा केबिन बनाने का सुझाव दिया था। केंद्र की तरफ से पेश हुए जनरल के.के. वेणुगोपाल ने सिंह और गुप्ता के हलफनामे का विरोध नहीं किया जिसके बाद अदालत ने अपने आदेश में संशोधन के निर्देश दिए दिल्ली विकास प्राधिकरण ने उच्चतम न्यायालय को 9 अगस्त के फैसले के बाद मंदिर को ढहा दिया था तब अदालत ने कहा था कि रविदास जयंती समारोह अदालत के पहले के फैसले के मुताबिक क्षेत्र को खाली नहीं कर गंभीर अवज्ञा की है। मंदिर ढहाए जाने का राष्ट्रीय राजधानी और देश के अन्य हिस्सों में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया गया। केन्द्र ने पहले मंदिर निर्माण के लिए 200 वर्ग मीटर जमीन की पेशकश की थी लेकिन बाद में श्रद्धालुओं की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए 400 वर्ग मीटर का संशोधित प्रस्ताव दिया कांग्रेस के पूर्व सांसद अशोक तंवर और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास सिंह और विराग गुप्ता ने कहा कि उन्होंने 21 अक्टूबर को अदालत की सुनवाई के दौरान सूचित किया था कि लकड़ी से बने पोर्टि केबिन कि केंद्र की पेशकश उनके लिए स्वीकार्य नहीं है । उन्होंने कहा कि अदालत भी सहमत थी कि मंदिर स्थाई ढांचा होगा लेकिन 21 अक्टूबर फैसले में कहा गया।